Posted on April 6, 2017 by New MailTOday ग्वालियर. मैनेजमेंट पासआउटस ने कंपनी बनाई और कॉलसेंटर खोला, कॉलसेंटर के माध्यम से देशभर में शेयर ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच देकर ग्राहक बनाये और कस्टमर्स को ज्यादा कमीशन का लालच देकर और ग्राहक फंसायेे। कंपनी ने कुछ ग्राहकों के अकाउंट्स में 20-30 हजार रूपये का कमीशन डालकर उनका लालच बढ़ाया और अंत में टेलीकॉलर के माध्यम उसका डेविट कार्ड नम्बर और ओटीपी प्राप्त कर उसका अकाउंट साफ करवा दिया। मोटा कमीशन देकर फंसाते थे कस्टमर को, अकाउंट्स साफ कर देते थे बी.कॉम इंदौर के कुछ एमबीए और बी.कॉम कर चुके दोस्तों ने शेयर ट्रेडिंग के लिए कैपिटल लाइफ एंड मार्केट रिसर्च नाम से कंपनी बनाई। कंपनी ने 8 कंम्प्यूटर से शुरु किया काम और कुछ ही महीने में यहां 50 कम्प्यूटर और टेलीकॉलर का बड़ा स्टाफ हो गया। कंपनी के सभी टेली कॉलर्स कस्टमर्स को जाल में फंसाने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती थीए और कस्टमर फंस जाने पर उससे हड़पी गई रकम में से सैलेरी के अलावा कमीशन बतौर इनाम दिया जाता था। कंपनी से जो व्यक्ति अपने पैसे वापस मांगने के लिए ज्यादा कोशिश करता था उसकी कुछ रकम लौटा दी जाती थी। जबकि ज्यादातर लोगों की रकम कंपनी पचा लेती थी। कंपनी ने वेबसाइट भी बनाईए जिसमें कंपनी को सेबी से रजिस्टर्ड बताया गयाए ताकि कस्टमर्स को भरोसा हो जाए। हालांकि पुलिस पड़ताल में सामने आया कि कंपनी रजिस्टर्ड नहीं अल्तुतमिश की कंपनी ने ग्वालियर की रुचि और हरीश साहू को भी ऐसा ही लालच दिया था। रुचि ने अलग.अलग पार्ट्स में 2ण्32 लाख रुपए कंपनी के कहने पर इंवेस्ट कर दिए। जब मुनाफे की बात आई तो कुछ नहीं मिला। इसके बाद रुचि और हरीश ने कंपनी से संपर्क कियाए लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। पुलिस कंप्लेंट की चेतावनी पर कंपनी ने हरीश से कहा कि उसके पैसे लौटा देंगेए और उसे नौकरी भी दे देंगेए लेकिन हरीश कंपनी के फ्रॉड को समझ चुका था। इसलिए इंदौर से लौटते ही पुलिस को शिकायत कर दी। ठगी करने वाले गैंग का मुख्य आरोपी कौन इन्दौर का एमबीए कर चुका अलल्तुतमिश शेख कैपिटल लाइफ मार्केट रिसर्च नाम की इस फर्जी कंपनी का मालिक और ठगी के इस कारोबार का मास्टर माइंड है। अल्तुतमिश ने डाटा वेंडर्स से 50 हजार रूप्ज्ञये में मोबादल नम्बरों का डाटा खरीदा और कंपनी के टेलीकॉलर्स को बांट दिया इन्हें मोबाइल नम्बर पर कॉल लगवाने के लिये वेतन के अलावा ग्राहकों से वसूली गयी रकम में 8 प्रतिशत तक कमीशन और बोनस पे किया जाता था। इन्दौर का ही बी.कॉम पास समीर मैनन अल्तमस का पुराना दोस्त था समीर कंपनी का एचआर मैनेजर था और टेलीकॉलर को सेलेक्ट करता था समीर परखता था कि टेलकॉलर ग्राहक को फंसाने में कितना ट्रैण्ड है कि नहीं सेलेक्टड टेलीकॉलर्स को यह नहीं बताया जाता कि कंपनी किस तरह फ्रॉड करती है। और उनकी ट्रेनिंग पूरी हो जाती थी। इन्दौर निवासी शाहरूख भी बी.कॉम है और टेलीकॉलिंग के माध्यम से ग्राहक फंसाने में माहिर है। जिम्मे टेलीकॉलर्स को ट्रैनिंग ओर उनके लगातार अपडेटेड करने का काम था। भोपाल का योगेन्द्र सिंह भी एमबीए कर चुका है योगेन्द्र कंपनी का टेलीकॉलर हेड है और जब कोई टेलीकॉलर किसी ग्राहक को फंसा नहीं पाता था तो योगेन्द्र को उसके पास हैड के तौर पर पेश किया जाता था योगेन्द्र उसे स्वयं कॉल करके भरोसे में लेता था। www.newsmailtoday.com से जुड़े अन्य अपडेट हासिल करने के लिये हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें Advertisements Share this:TwitterFacebookMoreGoogleLike this:Like Loading... Related
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