Posted on April 12, 2017 by NewMailTOday इस्लामाबाद. पाक के आर्मी कोट ने भारत के पूर्व नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है, पाक मीडिया ने इसे पहले कभी न होने वाली घटना के तौर पर लिया है उधर एक्सपर्ट्स ने कहा कि अगर जाधव को फांसी दी गयी तो इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा। साथ ही इसके गंभीर परिणाम होंगे, इसके लिये हमें तैयार रहना होगा, वहीं इन्टरनेशनल लेवल पर भी इसके रिएक्शन देखने को मिल सकती है, कुछ पाक जर्नलिस्ट के जाधव के खिलाफ जुटाये गये सबूतों को पब्लिक किये जाने की मांग की है। द नेशन ने कहा, जाधव की मौत से तनाव बढ़ेगा न्यूज एजेंसी के मुताबिक पाक अखबार द नेशन ने मंगलवार को अपनी फ्रंट पेज लीड ऑर्टिकल की हेडिंग श्जासूस की मौत से तनाव बढ़ेगाश् दी है। अखबार ने पॉलिटिकल और डिफेंस एनालिस्ट डॉ हसन असकरी के बयान को भी छापा है। उन्होंने कहा. जाधव की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा। पाकिस्तानी कानून के मुताबिक सजा सुनाई गई है। लेकिन हमें देखना होगा कि पाकिस्तान इसके पॉलिटिकल और डिप्लोमेटिक नतीजों को झेल पाता है या नहीं। इस खबर को पाकिस्तानी मीडिया ने मंगलवार को काफी प्रायोरिटी से पब्लिश किया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यूनश् ने अपने फ्रंट पेज ऑर्टिकल में जाधव पर पाकिस्तान आर्मी के कोर्ट के फैसले को ऐसा बताया है कि जो पहले कभी नहीं हुआ। अखबार ने बताया कि यह फैसला दोनों देशों के बीच कड़वाहट में इजाफा करेगा। वह आगे लिखता है कि जाधव पाकिस्तान में हुसैन मुबारक पटेल के तौर पर अपनी एक्ट्विटीज चला रहा था। पाक को सबूत पब्लिकली करना चाहिये जियो न्यूज के सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर ने कहा है किम सबसे पहले तो पाक को सबूत खोजना चाहिये, फिर उन्हें भारत के साथ शेयर करना चाहिये, इसके बाद में इसे दूसरे देशों को भी दिखाया जाना चाहिये। उन्होंने कहा -मेरा मानना है कि भारत भी इस मुद्दे पर गंभीर है इस न्यूज पर रिएक्ट नहीं करेगा, अगर लोगों का ध्यान हो कि जब अजमल कसाब को फांसी दी गयी थी तब पाक चुप था, हमारा मत था कि यदि कसाब के खिलाफ सबूत थे तो उसे भारतीय कानून के अनुसार से फांसी दी जानी चाहिये, ऐसा ही जाधव के मामले में होना चाहिये, सीनियर पीपीपी लीडर और पूर्व मिनिस्टर रहमान मलिक ने कहा-अगर जाधव दोषी है तो हमें उसे मौत की सजा देने का हक है, सजा दी जानी चाहिये, हमें भी भारत या इंटरनेशनल दबाब के आगे झुकना नहीं चाहिये। क्या है आखिर पूरा मामला पाक आर्मी ने वहां की जेल में बंद भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है। पाक ने आरोप लगाया था कि जाधव भारतीय जासूस है। आईएसपीआर के अफसर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्विटर पर बताया कि पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत जाधव का फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) किया गया और फांसी की सजा सुनाई गई। दूसरी ओरए भारत ने पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को तलब किया। उन्हें डिमार्शे (डिप्लोमैटिक डिमांड लेटर) सौंपा। इसमें कहा गया. अगर सजा पर अमल होता है तो ये कानून के बुनियादी नियमों के खिलाफ होगा। इसे सोचा.समझा कत्ल कहा जाएगा। डिमार्शे में आगे कहा गया. ये ध्यान रखा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में इंडियन हाई कमीशन को ये बताने की जरूरत भी नहीं समझी गई कि कुलभूषण पर केस चल रहा है। भारत के लोग और सरकार इसे सोचा.समझा कत्ल ही मानेंगे। इस बीचए भारत सरकार ने पाकिस्तान के 11 कैदियों की बुधवार को होने वाली रिहाई टाल दी है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान के इस फैसले पर तल्ख टिप्पणी की। कहा. पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट में आरोपी के खिलाफ क्या आरोप लगाए जाते हैं या सबूत पेश किए जाते हैंए इनको कभी पब्लिक नहीं किया जाता। पाकिस्तानी सेना के कानून के तहत आए इस फैसले पर 90 दिनों के भीतर अमल होना तय है। पाक आर्मी चीफ बाजवा इसे मंजूरी दे चुके हैं। ऐसे मेंए इसके खिलाफ अपील की कोई गुंजाइश नहीं रहती। जाधव को फांसी की सजा से बचाना मुश्किल होगा। www.newsmailtoday.com से जुड़े अन्य अपडेट हासिल करने के लिये हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें Share this:TwitterFacebookLike Loading... Related