Posted on May 13, 2017 by New MailTOday ग्वालियर. माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने की 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा में ग्वालियर ऐसे स्टूडेंट्स ने मेरिट लिस्ट में अपना स्थाना बनाया है, जिनके पिता क्लर्क, प्यून और ड्रायवर हैं यह बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़े और अभावों के बीच पढ़ाई करते हुए मेरिज में स्थाना बनाया हैं। सफलता भरी कहानी छात्रों की किसी के पिता दफ्तर जाने से एक घंटे पहले साइकल पर बेटी को लेकर निकलते थेए जिससे वे समय पर उसे स्कूल पहुंचा सकें। ऐसे लोगों के बच्चों ने भी अपने पिता का सपना पूरा किया। शहर के बाहर एक कच्चे मकान में रहने वाले एक स्टूडेंट ने 6 महीने पहले ही दीवार पर लिख दिया था कि उसे 95 प्रतिशत अंक मिलेंगे। जब रिजल्ट आया तो 95.66 प्रतिशत अंक थे। ऐसा गजब का आत्मविश्वास कम ही देखने को मिलता है। पिता के संघर्ष से मिली प्रेरणा प्रियांशी बुधोलिया के पिता विनोद शर्मा एमआईटीएस में क्लर्क है वह गोल पहाडि़या से रोजाना 14 किमी दूर स्थित ऑफिस सायकिल से जाते हैं। कार्यालय से पहले वह प्रियांशी को पद्मा स्कूल छोड़ते है। सर्दी, गर्मी और बारिश कोई भी मौसम हो, उन्होंने हमेशा समय से स्कूल छोड़ा और फिर कार्यालय गये। कईबार उनकी तबियत भी खराब रही लेकिन वह स्कूल छोड़ने आये। उनके इस स्ट्रगल ने ही प्रियांशी को प्रेरित किया। प्रियांशी का सपना है कि वह सिविल जज बने। www.newsmailtoday.com से जुड़े अन्य अपडेट हासिल करने के लिये हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें Advertisements Share this:TwitterFacebookMoreGoogleLike this:Like Loading... Related
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